वीरभूमी चित्तोड

द्वितीय क्षत्रिय मंथन शिबिर का आयोजन...!

सम्मानीय क्षत्रिय बंधु
जय संघ शक्ति ....!
मुझे “श्री क्षत्रिय वीर ज्योति” के संस्थापक राज ऋषि मधुसूदन दास जी महाराज द्वारा आप जैसे चुनिंदा क्षत्रिय सरदारो के साथ संपर्क करने हेतु निर्देशित किया गया है!
आप एवं आप की संस्था जो समाज जागरण पुनीत प्रयास मे संलग्न है, साधु वाद के पात्र है !
आज की इस विषाक्त ....क्षीण एवं चहूं ओर से पतन पर पहुँची दयनीय व्यवस्था के लिए निश्चित रुप से पतन की पराकाष्ठा को पार कर चुका भ्रष्ट नेतृत्व ही उत्तरदायी है !
यह आप सभी से छिपा हुआ नहीं है !
वर्तमान परिवेश मे जहाँ मानवीय मूल्यों के साथ आमजन का जीवन दु:भर हो गया है !
इस अराजक बेलगाम, झूठ से परिपूर्ण, दुश्चरित्र शक्तियों के व्यवस्था संचालन के अनैतिक, दिशाहीन, कुकृत्यों ने संपूर्ण मानव जाति को विनाश के गहरे गर्त में गोते लगाने के लिए छोड़ दिया है!
आज की इस विभत्स परिस्तिथि को यदि तुरंत रोकने का प्रयास नहीं किया गया तो वर्तमान क्षत्रिय शक्तियों का पूर्णत: लोप होने के कड़ुवे सत्य को स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं बचेगा!
और हम प्रकृति एवं मानवता पर गहराए इन काले ख़तरे के बादलों को मूकदर्शक बन कर देखते हैं तो हमारे इस क्षत्रिय धर्म के विरुद्ध आचरण को निश्चय ही क्षत्रिय इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा!
समाजवेता एवं भारतीय मनीषीयों को यह एकमत से स्वीकार्य है की यदि कभी भी और कहीं पर भी मानवता एवं सृष्टि के अस्तित्व ख़तरे में हो तो इसका अर्थ है की उस काल एवं स्थान विशेष क्षत्रित्व सुषुप्त अवस्था हो चुका है !

अत: आज क्षात्र तत्व की सुषुप्तता को चैतन्य करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं हो सकता !
इन विषम हालातों के परिमार्जन का केवल और केवल एक ही उपाय है और वह है “क्षात्र धर्म का पुन: उत्थान” ...!
क्षात्र तत्व को चेतन्य करके चहुँ ओर हो रहे क्षय (विनाश) का त्राण करना यह ना केवल वर्तमान क्षत्रिय शक्तियों का दायित्व ही है बल्कि अपने पूर्वजों के यश को सुरक्षित रखने एवं आगामी पीढ़ियों के समक्ष क्षत्रिय आदर्शों को धुंधला न पड़ने देने का एकमात्र रास्ता है !
पवित्र ग्रंथ श्री गीता में भी साक्षात ईश्वर श्री कृष्ण द्वारा द्वितीय अध्याय के श्लोक 31 से 33 में “संघर्ष के पलायन को आतुर तत्कालीन क्षत्रित्व के प्रतीक अर्जुन को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया है की ” निश्चित रूप से धर्म युक्त संग्राम से बढ़कर दूसरा कोई कार्य क्षत्रिय के लिए नहीं है !
अपने आप प्राप्त हुए और खुले हुए स्वर्ग के द्वार स्वरूप इस प्रकार के धर्म संग्राम को भाग्यशाली क्षत्रिय ही प्राप्त करते हैं जिसमें विजय होने पर महामहिम (इस लोक का राज्य) और हारने पर देवत्व (स्वर्ग) प्राप्त होता है !"
अत: ईश्वर के अति निकट दिव्य शक्तियों से विभूषीत राज ऋषि मधुसूदन दास जी महाराज, जो की श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के संस्थापक होने के साथ ही सुविख्यात निर्वाणी अखाड़े के ख़ालसा के श्री महंत भी हैं, को सूक्ष्म ईश्वरीय चेतना द्वारा यह दिव्य निर्देश पाप्त हुआ है की - संपूर्ण आर्यवृत में बिखरी हुई व दिशाहीन क्षत्रिय शक्तियों को खोए हुए गौरव को पुन: स्थापित करने के लिए सार्थक एवं परिणाम मूलक एक लक्ष्य के सूत्र में पिरो कर धर्ममय समाज का शंखनाद करें!
इन्हीं सब विषयों पर गहन चिंतन हेतु एक पाँच दिवसीय मंथन शिविर का आयोजन - राज ऋषि की तपो भूमि, प्रकृति के सुरम्य वातावरण वर्तमान परिवेश से बिल्कुल दूर तीन नदियों के संगम तट जो की हाडोति एवं रण्थम्भोर (राजस्थान) के निकट है - में किया जाना सुनिश्चित हुआ है !
मंथन शिविर में आर्यवृत के कोने कोने में कार्यरत सभी क्षत्रिय संगठनों के 2-2 पूर्ण अधिकार संपन्न प्रतिनिधियों को भाग लेना है ताकि एक स्थायी “क्षत्रिय संसद” के निर्माण की प्रक्रिया भी पूरी हो सके!
हमारे विश्वस्तसूत्रों से जानकारी मिली है की आप एवं आपका संगठन भी क्षत्रिय जागृति प्रयास में उच्च कोटि की भूमिका निभा रहे हैं !
अत: हम सभी के इस पावन, ईश्वरीय प्रयास को साकार करने हेतु अपने संगठन के 2 पूर्णत: अधिकार संपन्न, सुविज्ञ प्रतिनिधि नियत समय एवं स्थान भेजकर इस धर्ममय मंथन शिविर को संपन्न करवाने में अपनी महत्ती भूमिका निभायें ...! जय क्षात्र धर्मं...!

विशेष सूचना: इस मंथन शिबिर में देश के कोने --कोने में कार्यरत कोई भी कार्यकर्ता या किसी भी क्षत्रिय संघटन के सदस्य हिस्सा ले सकते है!

सादर
प्रचार प्रमुख
श्री क्षत्रिय वीर ज्योति मिशन
मोबाइल : 09868004695, 09213365865

शिविर स्थल
राज ऋषि का आश्रम, राजधानी की छतरी, हाडोति, जिला - करौली (राजस्थान)
*कोटा - नई दिल्ली रेलवे खंड पर, गंगापुर सिटी से सवाई माधोपुर के बीच मालरना रेलवे स्टेशन पर जीप उपलब्ध रहेगी !

*वहाँ से 15 किलो मीटर जंगल में आश्रम है !

शिविर तिथि

09-11-2010 -से लेकर -10-11-2010 तक [ आप सभी को ०८ नवम्बर के शाम तक शिबिर स्थल पहुचना है!

सामान्य अनुदेश
शिविर में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों को अपने आगमन की सूचना एवं अपना मोबाइल नंबर प्रधान कार्यालय को शीघ्रातिशीघ्र देने होंगे !

किंतु 10-10-2010से पूर्व...........

*शिविर में आते समय अपने साथ 2 धोती 1 जनेऊ तथा 1 साफ़ा (पगड़ी) लेकर आएँगे तो सुविधा रहेगी !

*कृपया नियत तिथि से 1 दिन पूर्व में पहुँचने का प्रयास करें!

*हमारे कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क तुरंत बनाएँ ---

संपर्क सूत्र
राज ऋषि जी(हाडोती)- 09982771573
कुँवर राजेंद्र सिंह(गुरगाव) - 09957330847,09783400450
कुँवर भवानी सिंह (दिल्ली) - 09213365865
भंवर जयपालसिंह गिरासे(शिरपुर) -09422788740
कुँवर तेजवीर सिंह जादौन (सीकर ,राजस्थान )-09414231797, 09968044887
डा सिकरवार - 09981932302
श्री भरत सिंह चौहान - 09414814342
श्री मान सिंह राठौड़ - 09460609888
कुँवर संजीव सिंह (बिहार) - 09708409309
कर्नल D.R.S. सिकरवार(लखनौ) - 09415021582
कुँवरानी निशा कँवर (गुरगाव)- 09350038422
ई-मेल
rs.naruka@yahoo.co.in
singh@rajputworld.com

कुंवर विक्रांतसिंह रावल के जन्मदिन पर हार्दिक बधाई...!





उत्तर महाराष्ट्र में स्थित दोंडाइचा के भूतपूर्व संस्थान के राजकुमार कुंवर विक्रांत जी १६ अगस्त के दिन २५ साल के हो जायेंगे! ऐतिहासिक राजघराने में जन्म लेकर....आधुनिक वातावरण में पल-बढ़ कर भी सामान्य जनता से प्रेम एवं आस्था रखने वाले कुंवर जी महाराष्ट्र के युवा दिलों की धड़कन है! २४ साल की उम्र में ही "अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत युवा संघ" के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर वे काम कर रहे है! साथ ही अपनी रावल संस्थान की विरासत का कारोबार भी सम्भाल रहे है! स्व.दादासाहेब जयसिंह रावल (भूतपूर्व विधायक) ने रावल परिवार का उद्योग जगत में प्रवेश कराया! स्टार्च फैक्ट्री ,रावल बैंक,दूध संघ, स्कूल, कोलेजेस आदि क्षेत्र के साथ रावल परिवार सामाजिक, राजनैतिक ,औद्योगिक क्षेत्र में भी अग्रणी रहा है ! रावल परिवार ने मध्ययुगीन काल में प्रजा का अच्छा पालन तो किया ही था लेकिन वर्तमान में भी हजारो लोग इसी परिवार की मदद से अपनी रोजी-रोटी कमा रहे है!

स्व.दादासाहेब रावल के कनिष्ठ सुपुत्र श्री ठा.बापूसाहेब जयदेव सिंहजी के कु.विक्रांत सिंह कनिष्ठ पुत्र है! आपके पिता भी महाराष्ट्र के युवा विधायक थे! उन्हीके नेतृत्व में चल रहा दूध संघ आज हजारो परिवार को स्वावलंबन का सहारा दे रहा है!


कु.विक्रांतसिंह एक शालीन...समझदार...ऊँचे विचार वाले...अछे संस्कार वाले युवा है! हर रोज जिम जा कर अपनी सेहत का ख्याल तो वे रखते ही है...साथ ही अपने फार्म हाउस पर जाकर अपने घोड़े...गाय....बकरिया आदि का भी ख्याल रखते है! ''फैला-बैला'' जात की घोड़ी जो सिर्फ अफगानिस्तान में ही पाई जाती है.....उसका कद सिर्फ दो या तिन फीट होता है...कुंवर जी के फार्म हाउस पर आप को नजर आएगी! उसी जात की पैदास उन्होंने शुरू कर दी! घोड़े तो कुंवरजी का खास शौक है! आपके फार्म पर कई जात के घोड़े और बकरिया पाई जाती है! पुराणी चीजों का भी आप खासा शौक रखते है! आप के अश्व-पालन केंद्र की वजह से आप को दुनिया भर में प्रसिद्धि मिली है !

कुंवर जी का एक महत्वपूर्ण गुणविशेष है की वे सामान्य वातावरण एवं सामान्य जनता के बिच ज्यादा रहते है...! जनता के सुख-दुःख में साथ रहते है! इसलिए नवजवानों में आकर्षण का वे केंद्र है! एक रईस परिवार में जन्म लेने के बावजूद......वे बेहद ही सीधे-साढ़े है! कोई भी उन्हें आसानी से मिल सकता है!

ऐसे हमारे आदर्श....हमारे प्रेरणास्रोत....हमारे परममित्र कुंवर विक्रांतसिंहजी के २५ वे जन्मदिन के शुभअवसर पर हार्दिक शुभकामनाये ........! आपका जीवन हमेशा प्रकाशमान रहे......भविष्य उज्वल रहे.......यश-कीर्ति-सेहत हमेशा साथ दे यही हम प्रभु एकलिंगजी से एवं कुलस्वामिनी बाण माता से प्रार्थना करते है! "अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत युवा संघ" और "क्षत्रिय संसद" की ओरसे भी हार्दिक बधाई..!

--------जयपालसिंह विक्रमसिंह गिरासे ,शिरपुर