क्या किसी गुनहगार को कोई जाती या मजहब होता है ....?



मानव और दानव में फर्क होता है। जो अन्य मानव;पशु-पक्षी-जिव-जंतु तथा प्रकृति के साथ मानवता से व्यवहार करे वही मानव कहलाने का अधिकारी है ....! और जो इस मर्यादा का उल्लंघन करता है वह होता है दानव। दानव का कोई धर्म ;पंथ; प्रान्त या जाती नहीं होती है। दानव हर जगह पनपते है और अपने कुकर्मों से समाज को तकलीफ देते है। दानवों के प्रति हमें कोई भी सहानुभूति नहीं चाहिए।



हाल ही में राजधानी दिल्ली में जो शर्मनाक घटना हुई वह हैवानियत की हद को पार करनेवाली करतूत थी। उन दरिंदो को कड़ी से कड़ी सजा सुनानी चाहिए और तुरंत उसपर अमल हो ताकि कोई भी माई का लाल आगे ऐसी जुर्रत न करे। साथ सभी समाज के लोग आगे आकर माँ-बहनों की सुरक्षा के हेतु यथोचित कदम भी बढ़ाये।



दरिंदगी करनेवाले हैवानों की कोई जात या मजहब नहीं होता है। किसी माँ का एक बेटा संत तो दूसरा खलनायक भी हो सकता है। कुसंस्कारों की वजह से ऐसी दरिंदगी का निर्माण होता है। उन दरिंदों में से एक दरिंदा अक्षय ठाकुर जो बिहार से है। हमें दु :ख होता है की वह जिस कौम से है उस कौम के लोग कभी महिलाओं की रक्षा हेतु अपने प्राणों तक को न्योछावर कर देते थे। महिलाओं की रक्षा के लिए जंग भी होती थी और प्राणोत्सर्ग भी किया जाता था। जो कौम स्री को शक्ति का रूप मानकर पूजा करती आयी है आज उसी कौम से पहचान पानेवाले उस नादाँ अक्षय ने अपनी बर्बरता से शर्म से सर निचा कर दिया। हम उसकी इस घिनौनी करतूत का कड़े शब्दों के साथ निंदा करते है और सरकार से मांग भी करते है की उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाये। देश और दुनिया का समस्त क्षत्रिय समाज इस घटना की कड़ी आलोचना करता है।



आज ही पंजाब से हर्षवीर सिंह पंवार जी का फ़ोन आया ....उन्होंने हमें दी हिन्दू अखबार के खबर बारे में बताया। "दी हिन्दू " नामक अखबार में हमने उस खबर का जायजा लिया। जिस खबर में अक्षय का वर्णन करते हुए उसकी जाती का भी उल्लेख किया है। किसी गुनाहगार की जाती का या मजहब का वार्ता में उल्लेख करना अनुचित है। एक ठाकुर गलत राह पर चला गया तो उसकी कौम गलत नहीं हो सकती है। व्यक्ति गलत हो सकता है .......समाज नहीं। हमने उस पत्रिका के संपादक महोदय को तुरंत इ मेल करवा दिया है और उन्हें अवगत भी करवा दिया है। इस घटना के आधार पर किसी जाती के बारे में समाज में गलत सन्देश देने का यह प्रयास सम्बंधित पत्रकार या संपादक की जातिगत संकीर्णता का परिचय देता है।



निचे LINK पर CLICK कर आप उस खबर को पढ़ सकते है: http://www.thehindu.com/todays-paper/all-accused-in-delhi-rape-case-held/article4227692.ece

Comments :

0 comments to “क्या किसी गुनहगार को कोई जाती या मजहब होता है ....? ”

Post a Comment