पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी .के सिंह जी का देश के युवाओ से एक अपील...

(न्यूज) 
देश के वर्तमान हालात पर कटाक्ष करते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के.सिंह ने कहा कि व्यवस्था का...ले अजगर की तरह है और हम इसे दूध पिला रहे हैं !


जनरल सिंह ने कहा कि हमारा देश युवा है ! युवाओं की आबादी 71 फीसदी के लगभग है !जिस तरह पतझड़के बाद वसंत आता है और पेड़ों पर नई कोंपले फूटती हैं, उसी तरह जब तक युवा आगे नहीं आएंगे, पुराने लोग नहीं जाएंगे
अत: युवा आगे बढ़कर देश के लिए काम करें !अब प्रजातंत्र संविधान से हटकर दिखाई दे रहा है ! संविधान 'बी द पीपल' के लिए बना था, लेकिन अब संविधान का बीज पीपल खो गया है
उसे वापस लाना होगा !

उन्होंने कहा कि हम चिंतन करते रहेंगे और देश पीछे खिसकता रहेगा ! ऐसा नहीं होना चाहिए !ऐसा न हो कि देश की बोली लगने लगे !सिंह ने कहा कि सबके भीतर 'देश सर्वोपरि' की भावना होनी चाहिए ! जब सबके भीतर यह भावना होगी तभी हम देश को आगे बढ़ा पाएंगे !देश की आंतरिक स्थिति पर जनरल सिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है, जब भी हमारा पतन हुआ या विदेशी आक्रांताओं को सफलता मिली वह सिर्फ हमारी वजह से और हमारे लोगों की मदद के कारण ही मिली ! हमें सोचना होगा कि आज हमारी स्थिति क्या है ? यह सोच-विचार का समय है !

कवि की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा- वी.के. सिंह जी ने....

'व्यवस्था काले अजगर की तरह है,

हम उसे दूध पिला रहे हैं,

समूचे राष्ट्र को कैंसर हो गया है,

हम टाइफाइड की दवाई देरहे हैं !

उन्होंने कहा कि सबको डॉक्टर बनना होगा और देश को बीमारी से उबारना होगा !जनरल सिंह ने कहा देश में भ्रष्टाचार और सामाजिक असामनता सबसे बड़ी समस्या है ! इसे दूर करने की जरूरत है ! उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में तत्कालीन गृहमंत्री ने कहा था कि नक्सली इलाकों में सेना तैनात करनी चाहिए तब मैंने कहा कि यह आपका मामला है ! इसे आपको सुलझाना चाहिए !उन्होंने कहा कि 1990 में 50 जिलों में नक्सलवाद की समस्या थी, लेकिन अब 272 से ज्यादा जिले नक्सलवाद की गिरफ्त में हैं ! उन्होंने कहा कि इन जिलों की स्थिति वैसी ही है, जैसी 200 साल पहले थी
ऐसी स्थिति में क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि वहां के लोग देश के साथ चलेंगे ??

जनरल सिंह ने कहा कि हम लेंगे तभी देश की विकृतियां और कुरीतियां दूर होंगी .......जिस दिन हम संकल्प के साथ काम करेंगे, सभी चीजें ठीक हो जाएंगी ! उन्होंने कहा कि 'सपने शायद सच नहीं होते, लेकिन संकल्प कभी अधूरे नहीं रहते' ....! बकौल वी.के.सिंह "इस भ्रष्ट सरकार के खिलाफ जितना मुखर विरोध मैंने अब शुरू किया है अगर ये शुरुवात जनरल पद पर रहते हुए किया होता इण्डिया गेट पर लाठियों से पीता नहीं जाता बल्कि इन देश के लुटेरों को संसद में लाठियों से पिटवाता ! अपने इस भूल पर मुझे जिंदगी भर अफ़सोस रहेगा....

लेकिन देर से ही सही शुरुवात मैंने कर दी है अब इस लडाई को देश के युवा आगे बढ़ाएं.....................!



जय हिन्द, जय भारत !!

Comments :

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Manohar Mahajan said... on 

हम संगठीत हो रहे है! और बदलाव जरूर आयेगा!

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